The smart Trick of सत्संग भजन लिरिक्स इन हिंदी That No One is Discussing
बिना कर्म के तरत न देखा कोई गुरु कोई चेला।। झूम रहे हैं पवन गूँज को सुनके पृथ्वीवासी, हृदय लेत हिलोरें मेरौ, हो जाएगा उद्धार। सत्संग
बिना कर्म के तरत न देखा कोई गुरु कोई चेला।। झूम रहे हैं पवन गूँज को सुनके पृथ्वीवासी, हृदय लेत हिलोरें मेरौ, हो जाएगा उद्धार। सत्संग
ये तुम्हारी है कृपा माँ, तेरा दर्शन हो रहा: भजन उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम काशी विश्वनाथ के पंचबदन चल प्रतिमा का तिरंगा श्रृं