The smart Trick of सत्संग भजन लिरिक्स इन हिंदी That No One is Discussing
The smart Trick of सत्संग भजन लिरिक्स इन हिंदी That No One is Discussing
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बिना कर्म के तरत न देखा कोई गुरु कोई चेला।।
झूम रहे हैं पवन गूँज को सुनके पृथ्वीवासी,
हृदय लेत हिलोरें मेरौ, हो जाएगा उद्धार।
सत्संग अमर झड़ी रे, जो कोई आवे संत read more री संगत में
कर्म प्रधान विश्व में वन्दे और सब रहा झमेला।
झूम रहे हैं पवन गूँज को सुनके पृथ्वीवासी
करुणाकर करुणा केशव ने दे दिया मानव चोला।
भगतो की दिलों में मेरे श्याम का बेसरा है,
सत्संग वह गंगा है जिसमे जो नहाते है भजन लिरिक्स
पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाए
ले चलियो मोको साथ में मैं दौड़ी जाऊंगी
अरे वाने खबर पड़ी, संतो सत्संग अमर झड़ी
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